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भारत आसियान शिखर सम्मेलन में उठ सकता है चीनी मानचित्र का मुद्दा

BySamachar India Live

Sep 5, 2023

इंडोनेशिया में इसी सप्ताह होने वाले भारत आसियान शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलनों में चीन द्वारा हाल ही में जारी उसके कथित मानक मानचित्र के मुद्दे को पुरज़ोर तरीके से उठाये जाने की संभावना है जिसमें फिलीपीन्स, ताईवान, विएतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया एवं भारत की संप्रभुता एवं प्रादेशिक अखंडता का उल्लंघन किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दोनों शिखर सम्मेलनों में भाग लेने के लिए दो दिन की इंडोनेशिया यात्रा का विवरण देते हुए विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) सौरभ कुमार ने यह संकेत दिया। कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री की यह यात्रा बहुत ही संक्षिप्त होगी और आसियान के मौजूदा अध्यक्ष इंडोनेशिया ने भारत के प्रधानमंत्री के जल्दी लौटने में सहूलियत के लिए दोनों शिखर सम्मेलनों के समय को समायोजित किया है। उन्होंने कहा कि भारत एवं आसियान के बीच रणनीतिक साझीदारी की घोषणा के बाद यह पहला भारत आसियान शिखर सम्मेलन होगा।
उन्होंने कहा कि चूंकि जी-20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी के लिए श्री मोदी को जल्दी लौटना होगा इसलिए वह नयी दिल्ली से बुधवार छह सितंबर को देर रात रवाना होंगे और सुबह जकार्ता पहुंचेंगे। वह पहले सुबह करीब नौ बजे से दस बजे तक भारत आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और उसके 15 मिनट बाद पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन होगा। इसके बाद PM मोदी स्वदेश के लिए रवाना हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय की यात्रा होने के कारण कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं होगी।

सौरभ कुमार ने कहा कि भारत आसियान शिखर सम्मेलन में मुख्य फोकस कनेक्टिविटी पर होगा। हाल ही में भारत एवं इंडोनेशिया के बीच इंडिगो एयरलाइन की सीधी उड़ान शुरू हुई है। गत वर्ष विएतनाम के लिए भी उड़ानें भी शुरू हुईं हैं। इसके अलावा आसियान देशों में डिजीटल लोक अधोसंरचना, स्थानीय मुद्राओं में कारोबार करने को लेकर भी दिलचस्पी है। भारत एवं सिंगापुर के बीच यूपीआई से भुगतान की व्यवस्था शुरू हो चुकी है।
यह पूछे जाने पर कि हाल ही में चीन द्वारा जारी तथाकथित मानक मानचित्र में आसियान के कई सदस्य देशों खासकर दक्षिण चीन सागर के क्षेत्र पर चीनी आधिपत्य का दावा किये जाने के विरोध में आसियान के कुछ देशों ने एक संयुक्त वक्तव्य में इस मानचित्र पर कड़ा विरोध जताया है। चूंकि चीनी मानचित्र में भारत के प्रादेशिक क्षेत्र को भी चीनी मानचित्र में दर्शाया गया है तो क्या भारत आसियान और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलनों में इस मुद्दे को उठाया जाएगा, श्री सौरभ कुमार ने कहा कि इन शिखर सम्मेलनों में जितने भी प्रासंगिक एवं समान हितों एवं चिंताओं से जुड़े मुद्दे उठाये जाएंगे। पर अभी यह कहना मुश्किल है कि कौन सा मुद्दा उठेगा और कौन सा नहीं।

तथाकथित मानक चीनी मानचित्र में अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश को चीनी सीमाओं के भीतर शामिल करने पर भारत के कड़े विरोध के साथ ही इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम और ताइवान ने चीन के मानचित्र का विरोध किया है। इन सभी देशों ने अलग अलग बयान जारी करके चीनी मानचित्र में दक्षिण चीन सागर के उनके वैधानिक हिस्से काे अपना हिस्सा दर्शाये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया जतायी है। इस पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी अपने देश के नये मानचित्र जारी करने को ‘चीन द्वारा कानून के अनुसार संप्रभुता की एक नियमित प्रक्रिया’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि संबंधित पक्ष वस्तुनिष्ठ और शांत रहें तथा इस मुद्दे काे तूल नहीं दें।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन में म्यांमार में लोकतंत्र बहाली का मुद्दा उठाया जा सकता है। इस बारे में भारत का रुख पहले से ही जगजाहिर है। हिन्द प्रशांत क्षेत्र में आसियान की केन्द्रीयता की हमने हमेशा पैरवी की है। भारत एवं आसियान के बीच वस्तु व्यापार को लेकर समझौते पर भी एक अलग से बैठक होगी।

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