इस हफ्ते कई ऐसी फिल्में सिनेमाघर में रिलीज हुई हैं जो सीमित बजट की थीं और स्टारडम की चमक-दमक से दूर मगर इन फिल्मों की कहानियों ने प्रभावित किया। ऐसी ही फिल्म है मंडली जो रामलीला के कलाकारों की निजी जिंदगी नें झांकती है और पैसे के अभाव के बावजूद उनके जज्बे को सलाम करती है।
सीमित बजट में बनी यह फिल्म रामलीला के पीछे की कई सच्चाई को बयां करती है, जिस पर शायद ही किसी की नजर जाती हो। ‘मंडली’ इस कला के प्रति उदासीनता की ओर भी ध्यान इंगित करती है। पल्लव जैन, विनय अग्रहरि और राकेश चतुर्वेदी ओम द्वारा लिखी कहानी और उसके पात्रों की सादगी दिल को छू जाती है।
वहीं, राकेश चतुर्वेदी ओम द्वारा निर्देशित यह कहानी बीच-बीच में भक्ति के सागर में डुबो देती है। ‘मंडली’ बताती है कि इस कला को जीवित रखने के कलाकारों में उसके प्रति कितना समर्पण, लगाव और भक्ति है।