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भारत सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर महत्वपूर्ण ध्यान केंद्रित किया ,2014 के मुकाबले छह गुणा बढ़ गया है खर्च

BySamachar India Live

Oct 31, 2023

इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर किए गए खर्च की बात करें तो 2013-14 में इस मद में ₹2.29 लाख करोड़ खर्च किये गए थे. यह खर्च बढ़कर 2023-24 में ₹13.7 लाख करोड़ हो गया, यानी इस मद में 6 गुणा की बढ़त हुई है.

मोदी सरकार के सबसे बड़े करनामो में से एक है आधारभूत ढांचे का विकास, यानी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट. आधारभूत ढांचा किसी भी देश का सबसे मुख्य निर्माणकारी खंड होता है. इस पर सरकार अगर ठीक से खर्च करती है तो न केवल लाखों-करोड़ों नौकरियां पैदा होती हैं, लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठता है, भारतीय अर्थव्यवस्था की फिलहाल जहां तक बात है, तो हमारा भविष्य बहुत उज्ज्वल है. अर्थव्यवस्था का पहला पैमाना आर्थिक विकास है. यह दिखलाता है कि आपके व्यापार की गतिविधियां क्या-क्या हो रही हैं.

जमकर खर्च हो रहा है इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में

अगर हम भारत सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर किए गए खर्च की बात करें तो 2013-14 में इस मद में ₹2.29 लाख करोड़ खर्च किये गए थे. यह खर्च बढ़कर 2023-24 में ₹13.7 लाख करोड़ हो गया, यानी इसका सीधा मतलब है कि लगभग एक दशक में इस मद में 6 गुणा की बढ़त हुई है. हम अगर सरकार के कुल खर्चे में से इस मद में किए खर्च का प्रतिशत निकालें तो यह 2013-14 में केवल 9 फीसदी था और वही 2023-24 में बढ़कर 21.3 प्रतिशत हो गया है. ऐसा नहीं है कि इसे महसूस करने के लिए हमें किसी तरह के रॉकेट साइंस को जानने की या आधुनिक शोध की जरूरत होगी.

भारत सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं. इसके परिणामस्वरूप, सामाजिक और आर्थिक स्तर पर यह कई प्रकार के लाभ प्रदान करता है:

आर्थिक विकास: इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से औद्योगिकीकरण और व्यापार में सुधार होता है, जिससे नौकरियों का स्रोत बढ़ता है और आर्थिक समृद्धि होती है.

सुविधाएं: इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से जनता को सुविधाएं मिलती हैं, जैसे कि अच्छे परिवहन, शिक्षा, और स्वास्थ .