राजधानी दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों वायु प्रदूषण का स्तर काफी तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। पिछले सात दिनों में यहां की वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) में तेजी से गिरावट आई है। शनिवार को दिल्ली के ज्यादातर इलाकों का एक्यूआई ‘बहुत खराब स्तर’ में 400 के पार दर्ज किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 15-20 दिनों तक यहां इसी तरह की स्थिति बनी रह सकती है, ऐसे में सभी लोगों को अलर्ट रहने और बचाव को लेकर उपाय करते रहने की आवश्यकता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि दिल्ली के कई हिस्सों में एक्यूआई 500 के आंकड़े को छू रही है, ये विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सीमा से करीब 100 गुना अधिक है। दिल्ली के साथ-साथ देश के कई अन्य राज्यों में भी प्रदूषण का स्तर पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है, जिसके कारण स्वास्थ्य संबंधी गंभीर दुष्प्रभावों को लेकर भी आशंका जताई गई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, दिल्ली पिछले कई वर्षों से दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बनी हुई है, जिसका मतलब है कि लगभग 33 मिलियन लोगों में वायु प्रदूषण के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का गंभीर जोखिम बना हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, इस साल अक्तूबर में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 2020 के बाद सबसे खराब स्तर पर था।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, प्रदूषण के जोखिमों से बचाव के लिए मास्क पहनना बहुत जरूरी है। ये हवा में मौजूद विषाक्तता को श्वसन तंत्र में प्रवेश करने से रोकती है। इसके अलावा शरीर के हाइड्रेशन का ध्यान रखें। इससे गले में खराश और श्वसन से संबंधित जटिलताओं के खतरे को कम किया जा सकता है। अस्थमा और सीओपीडी वाले लोगों के लिए बढ़ता प्रदूषण और भी समस्याकारक हो सकता है, इसलिए डॉक्टर के संपर्क में रहें और बचाव के लिए निरंतर उपाय करते रहें।