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शरद पवार की याचिका पर शीघ्र सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

BySamachar India Live

Feb 16, 2024

उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  की कमान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को देने वाले चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ दायर पार्टी स्थापक शरद पवार गुट की याचिका पर यथासंभव शीघ्र सुनवाई करने की शुक्रवार को सहमति व्यक्त की।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने शरद पवार गुट का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह इस मामले में यथाशीघ्र सुनवाई करेगी।
पीठ के समक्ष श्री सिंघवी ने मामले का विशेष उल्लेख करते हुए गुहार लगाई कि महाराष्ट्र में अगले सप्ताह विधानसभा सत्र के मद्देनजर शरद पवार के गुट के विधायकों को अजीत पवार समूह द्वारा जारी ‘व्हिप’ का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका पर तत्काल विचार किए जाने की आवश्यकता है।

पीठ की अध्यक्षता कर रहे मुख्य न्यायाधीश ने उनकी दलीलें सुनने के बाद शीघ्र सुनवाई का आश्वासन देते हुए कहा कि इस मामले में पीठ यथाशीघ्र विचार करेगी।
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार गुट का पक्ष सुनने के बाद फैसला सुनाते हुए उन्हें (अजीत गुट) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और उसके चुनाव चिन्ह ‘घड़ी’ का वास्तविक हकदार बताया था।
इस फैसले को शरद पवार गुट ने 13 फरवरी को शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर करके चुनौती दी है।
इससे पहले सात फरवरी को उनके भतीजे श्री अजीत पवार के गुट ने एक ‘कैविएट’ याचिका दायर करके शीर्ष अदालत से गुहार लगाई गई कि यदि शरद पवार गुट चुनाव आयोग के छह फरवरी के फैसले को चुनौती दे तो इस मामले में कोई फैसला करने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए।
जुलाई 2023 में श्री अजित पवार और उनके नेतृत्व में राकांपा के आठ अन्य विधायक अचानक श्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गठबंधन वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे।
इसके बाद पार्टी पर हक को लेकर चाचा- शरद पवार और भतीजे -अजीत पवार के बीच विवाद शुरू हो गया था। इसके बाद यह मामला विधानसभा अध्यक्ष के अलावा चुनाव आयोग के पास पहुंचा था। छह महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक तारीखों पर सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को राकांपा और प्रतीक चिह्न ‘घड़ी’ पर नियंत्रण देने के लिए विधायी बहुमत का परीक्षण लागू किया।
आयोग ने अपने फैसले पर पहुंचने के लिए “पार्टी संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का परीक्षण”, “पार्टी संविधान का परीक्षण” का भी उपयोग किया।