प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार 2014 में ही सत्ता में आने पर अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र ला सकती थी लेकिन उन्होंने ‘राजनीति’ के बजाय ‘राष्ट्रनीति’ को चुना क्योंकि वह देश का आत्मविश्वास डिगाना नहीं चाहते थे।
श्वेत पत्र आम चुनाव से पहले पिछले संसद सत्र में पेश किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की आलोचना करते हुए एक श्वेत पत्र पेश किया और कहा कि उस सरकार ने अंधाधुंध राजस्व व्यय, बजट से ज्यादा उधार लेने और बैंकों पर न चुकाए गए ऋणों का बोझ बढ़ाकर भारतीय अर्थव्यवस्था को गैर-निष्पादित अर्थव्यवस्था में बदल दिया था।