• September 22, 2024

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हिंद महासागर में चीन ने तैनात किया जासूसी जहाज, चौकन्नी हुई नौसेना

– भारत को मिसाइल के बारे में जासूसी करके अहम जानकारियां हासिल करने की आशंका

-चीनी जासूसी जहाज युआन वांग-6 की आवाजाही पर लगातार नजर रख रही है नौसेना

ओडिशा के तट पर अब्दुल कलाम द्वीप से एक मिसाइल का परीक्षण होने से पहले हिंद महासागर में चीनी जासूसी जहाज के आने की खबर से भारतीय नौसेना सक्रिय हो गई है। चीनी जासूसी जहाज युआन वांग-6 की आवाजाही पर लगातार नजर रखी जा रही है। भारत को आशंका है कि चीन अपने जासूसी जहाज के जरिये उस मिसाइल को ट्रैक करने की कोशिश कर रहा है, जिसका आने वाले दिनों में परीक्षण होने वाला है। चीन इन जहाजों की मदद से मिसाइल की ट्रैजेक्टरी, स्पीड, रेंज और सटीकता से जुड़ी अहम जानकारियां हासिल कर सकता है।

इसी बीच मिसाइल परीक्षण से पहले चीन ने हिंद महासागर में अपना ताकतवर जासूसी जहाज युआन वांग-6 भेजा है। तीन महीने पहले इसी तरह का एक जहाज हंबनटोटा के श्रीलंकाई बंदरगाह में तैनात किया गया था। तैनात किए जा रहे चीनी नौसेना के यह जासूसी जहाज मिसाइल परीक्षणों और उपग्रहों की निगरानी के लिए डिजाइन किए गए हैं। समुद्र में जहाजों की आवाजाही को ट्रैक करने वाली ऑनलाइन संस्था मरीन ट्रैफिक के मुताबिक युआन वांग-6 पहले ही हिंद महासागर में पार कर चुका है और इस समय इंडोनेशिया के बाली तट से नौकायन कर रहा है।

रक्षा सूत्रों के अनुसार हिंद महासागर में चीनी जासूसी जहाज के आने की खबर के बाद से भारतीय नौसेना चौकन्नी हो गई है। कई दिनों से चीनी जासूसी जहाज की आवाजाही पर सक्रिय रूप से नजर रखी जा रही है। भारत की चिंता है कि चीन अब उस मिसाइल को ट्रैक करने की कोशिश कर रहा है जिसका वह आने वाले दिनों में परीक्षण कर सकता है। चीनी जहाज मिसाइल की क्षमताओं जैसे प्रक्षेपवक्र, गति, सीमा और सटीकता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर सकता है। भारत अक्सर व्हीलर द्वीप से बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण करता है, जो एक निर्दिष्ट मिसाइल परीक्षण रेंज है।

चीनी नौसेना का ये जासूसी जहाज वांग-5 कैटेगरी का है, जिसे अगस्त, 2022 में श्रीलंका के हंबनटोटा में भेजा गया था। श्रीलंका में यह जहाज 6 दिनों तक तैनात था। जासूसी के खतरे को देखते हुए ही भारत ने श्रीलंका से इस शिप को हंबनटोटा में एंट्री न देने को कहा था। लेकिन बाद में श्रीलंका सरकार ने उसे एंट्री दे दी थी। इस जासूसी शिप को स्पेस और सैटेलाइट ट्रैकिंग में महारत हासिल है। ये शिप अपनी आवाजाही तब शुरू करते हैं, जब चीन या कोई अन्य देश मिसाइल टेस्ट कर रहा होता है। यह शिप लगभग 750 किलोमीटर दूर तक आसानी से निगरानी कर सकता है। 400 क्रू वाला यह शिप पैराबोलिक ट्रैकिंग एंटीना और कई सेंसर्स से लैस है।

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