30 जनवरी को अपने चुनाव प्रचार के दौरान गणेश जोशी सालावाला पार्क पहुंचे. वहां पर उनकी मौजूदगी में ही कई युवा कार्यकर्ता कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए।
उत्तराखंड की मसूरी सीट से गणेश जोशी को लेकर फिर से भारी उत्साह नज़र आ रहा है। अक्सर देखने में आता है कि सत्ताधारी पार्टी के जनप्रतिनिधियों को लेकर आम मतदाताओं में असंतुष्टि का भाव रहता है। इसे चुनावी पंडित एंटी इनकंबेंसी या सत्ता विरोधी लहर का नाम देते हैं। लेकिन ऐसा कुछ गणेश जोशी के खिलाफ नज़र नहीं आ रहा है। मतदाताओं में लगातार उन्हें लेकर पहले जैसा ही आकर्षण बना हुआ है। आम जनता के अलावा युवाओं और महिलाओं में भी उन्हें लेकर खासा उत्साह है।
युवाओं में भारी आकर्षण
युवाओं में गणेश जोशी के आकर्षण की बानगी तब देखने को मिली जब रविवार, 30 जनवरी को अपने चुनाव प्रचार के दौरान गणेश जोशी सालावाला पार्क पहुंचे. वहां पर उनकी मौजूदगी में ही कई युवा कार्यकर्ता कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इससे पहले भी क्षेत्र के कई युवा कांग्रेस छोड़कर गणेश जोशी के समर्थन में भाजपा में शामिल हो चुके हैं। उनके चुनाव प्रचार के दौरान भी उन्हें लेकर चल रही लहर देखी जा सकती है। कोरोना की पाबंदियों के बीच भी उन्हें सुनने और उनका हौसला बढ़ाने के लिए क्षेत्रवासी उमड़ रहे हैं।
महिलाओं में मिल रहा भारी समर्थन
गणेश जोशी के मतदाताओं में एक बड़ा वर्ग महिलाओं का है। अपने पिछले कार्यकाल में जोशी लगातार महिलाओं से जुड़ी समस्याओं को लेकर काम करते रहे हैं। फिर चाहें वो घर-घर तक साफ पानी पहुंचाने की समस्या हो या खराब सड़कों और कानून-व्यवस्था की। क्षेत्र की महिलाओं इसबात को लेकर काफी संतुष्ट नजर आती हैं कि जब भी गणेश जोशी के पास किसी समस्या को लेकर वो गईं तो उसका त्वरित समाधान सुनिश्चित किया गया।
दिल से सैनिक, काम से सेवक
उत्तराखंड सैन्य बाहुल प्रदेश है। ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने सैन्य धाम को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर शामिल किया है। इसमें गणेश जोशी का बड़ा योगदान है। राज्य सरकार देहरादून में सैन्य धाम का निर्माण कर रही है। इसके लिए श्रद्धांजलि स्वरूप शहीदों के घरों की मिट्टी को इकट्ठा कर देहरादून में सैन्य धाम के निर्माण में लगाया गया है। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी सैन्य धाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अपना ड्रीम प्रोजेक्ट मानते हैं। वह जहां खुद एक सैनिक रहे हैं साथ ही लगातार सैनिकों के हितों से जुड़े कामों में लगे रहे हैं। इसकी वजह से सैन्य वर्ग में भी उनका भरपूर समर्थन दिख रहा है।
इस जनसमर्थन का ही उत्साह है कि चुनावी जानकार गणेश जोशी की इस बार की जीत को लेकर बड़ी भविष्यवाणियां कर रहे हैं। लोकल सर्वे भी यही बता रहे हैं कि गणेश जोशी भारी जीत की तरफ बढ़ रहे हैं। पिछले चुनावों में जहां उनकी जीत का फासला तकरीबन 12 हजार मतों का था, ताज़ा मतदाता सर्वे इस बार यह फासला 21 हजार वोटों से भी ज्यादा रहने की बात कह रहे हैं।