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हिमाचल प्रदेश-उत्तराखंड को 1664 करोड़ रुपए की मदद

BySamachar India Live

Sep 6, 2023

नयी दिल्ली, केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड को औद्योगिक विकास योजना के तहत 1664 करोड़ रुपए की मदद करने का निर्णय लिया है ताकि दोनों पहाड़ी राज्यों में औद्योगिक विकास को गति मिले और रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल में पलायन की समस्या है। रोजगार के अवसर नहीं होने से वहां लोग बड़ी संख्या में पलायन करते हैं इसलिए वहां औद्योगिक विकास आवश्यक है। इसी जरूरत को देखते हुए सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक दिसम्बर 2002 को विशेष औद्योगिक पैकेज पहाड़ी राज्य हिमाचल, उत्तराखंड तथा जम्मू- कश्मीर को दिया था जिसके कारण वहां बड़े स्तर उद्योग खुले, निवेश हुआ और लोगों को रोजगार मिला।
उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्यों के औद्योगिक विकास की गति को जारी रखते हुए 2014 में जब मोदी सरकार ने देश की कमान संभाली तो उन्होंने सबसे पहले हिमाचल को विशेष राज्य का दर्जा दिया और फिर 2017 में औद्योगिक विकास योजना के तहत इन राज्यों में नयी यूनिट लगाने पर 30 प्रतिशत तक सब्सिडी दिए जाने की व्यवस्था की। यह सब्सिडी संयंत्र लगाने के लिए दी गई। इसके अलावा पांच करोड़ रुपए नकद प्रति यूनिट पर मदद देने और इंश्योरेंस की प्रीमियम पांच साल तक 100 फीसदी खत्म की गई। औद्योगिक इकाइयों को अपने संयंत्र तथा उपकरणों को लेकर जो इंश्योरेंस देना पड़ता है उसकी पूरी किश्त केंद्र सरकार ने वहन की और केंद्र की यह योजना 2022 तक लागू रही तो इन दोनों राज्यों का तेजी से औद्योगिक विकास हुआ।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि हिमाचल तथा उत्तराखंड को इस योजना का लाभा मिला। नयी यूनिट के लिए 30 प्रतिशत सब्सिडी, पांच करोड़ रुपए नकदी तथा एक यूनिट पर इंश्योरेंस की सब्सिडी व्यवस्था एक अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2022 तक जारी रही। इस दौरान दोनों राज्यों में खूब कारखाने खुले और संयंत्र भी लगे। यूनिट पर इंश्योरेंट प्रीमियम में पांच साल तक जो 100 प्रतिशत की सब्सिडी भारत सरकार ने दी उसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से 131.90 करोड रुपए का प्रावधान किया गया।
उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के कारण कुल 734 यूनिट ने पंजीकरण कराया। इस दौरान नौ हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ और 49 हजार युवाओं को रोजगार का अवसर मिला।

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