जाने माने फिल्म निर्देशक पवन कुमार की नयी फिल्म ‘मोरल कॉप’ बच्चों के लिये खास तौर पर मोबाइल फोन के खतरनाक दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करेगी।
फ़िल्म इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे मोबाइल का अतिशय प्रयोग विचारशीलता का नाश कर एक भोले भाले इंसान को हैवान बना सकता है। फ़िल्म उन अभिभावकों को भी जागरूकता करेगी जो अपनी गतिविधियों को सुचारु रखने के लिये अपने बच्चों के हाथों में मोबाइल के रूप में एक ऐसा ख़तरनाक उपस्कर थमा देते हैं जो उन्हें भटकाकर मूल्यों से, रचनात्मकता से, खेलों के मैदान से दूर ले जाता है।
फ़िल्म बड़ी प्रभावशीलता के साथ यह बात भी कहती है कि मोबाइल बच्चों के लिये एक ऐसा तिलिस्मी क़ैदख़ाना है जिसके अंदर जाने का रास्ता बड़ा सहल है, पर बाहर निकलने का रास्ता अत्यंत दुरूह है।
पवन कुमार इस फ़िल्म को प्रयोगात्मक सिनेमा के एक नये अध्याय के रूप में देख रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि फ़िल्म कलात्मक गहराई के साथ व्यवसायिक पुट भी लिये होगी और क्लास और मास दोनों की स्वाद कलिकाओं को भाएगी। निर्देशक द्वारा इस अन्वेषणात्मक तर्ज़ पर इस साल के अंत तक दो और फ़िल्में बनाने की दिशा में कार्य चल रहा है।
गौरतलब है कि पवन कुमार अमिताभ बच्चन, नसीरुद्दीन शाह,बोमन ईरानी,अनुपम खेर, पंकज त्रिपाठी जैसे धाकड़ अभिनेताओं से सजी अपनी डाक्यूमेंटी ‘नाम था कन्हैयालाल’ के लिए काफ़ी तारीफ़ें बटोर चुके हैं जो वर्तमान में जियो सिनेमा में दिखाई जा रही है।
फ़िल्म मोरल कॉप की शूटिंग लखनऊ और समीपवर्ती इलाकों में की गयी है जिसमें कई स्थानीय कलाकारों की भागीदारी है। मुख्य कलाकारों में यजुवेंद्र प्रताप सिंह, राजेश जैस, जहाँगीर खान, सुनील भार्गव, प्रतीक्षा सिंह,आरव शुक्ला, प्रिया विश्वनाथ, योगेश परिहार, सतीश त्रिवेदी,नरेंद्र पंजवानी, पंकज टिटोरिया, राम गंगवार,बृजभूषण,सर्वदमन सिंह, अमरेश और देविका सिंह शामिल हैं।